हरिद्वार के महाकुंभ के बाद वैष्णो देवी यात्रा मेंभी कोरोनावायरस का साया दिखाई दे रहा है। श्री माता वैष्णोदेवी की यात्रा के लिए नवरात्र के पहले दिन 14000 सेअधिक श्रद्धालु जम्मू कश्मीर के कटरा पहुंचे जिनमें से 92 यात्रियों के कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने की खबरेंसामने आई हैं। नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट या फिर मौके पर हीकोरोनावायरस जांच कराए बिना किसी भी श्रद्धालुओं कोयात्रा में नहीं शामिल किया जा रहा है।
पहले दिन 14000 से अधिक श्रद्धालु पहुंचे कटरा
यात्रा से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि कोरोनावायरस के मामले में तेजी से वृद्धि के बीच 14281 यात्री वैष्णो देवी की यात्रा में शामिल होने कटरा पहुंचे। उन्होंने बताया कि नवरात्र के पहले दिन 48 श्रद्धालु कोरोनावायरस से संक्रमित पाये गए। इस बीच, रियासी जिला प्रशासन और माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने कोरोनावायरस से संबंधित दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है।
श्राइन बोर्ड ने तय की सीमा
श्राइन बोर्ड ने पहले ही हर एक दिन 25000 श्रद्धालुओं से अधिकतम सीमा तय कर दी है। गौरतलब है कि पिछले साल ,16 मार्च को महामारी के प्रकोप के बाद यात्रा को स्थगित कर दिया गया था और 5 महीने के बाद यह 16 अगस्त को फिर से शुरू हुआ ,लेकिन एक निर्धारित तरीके से। याद हो महाकुंभ में शामिल 100 तीर्थयात्रियों और 20 संतो में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी
देवी यात्रा मेंभी कोरोनावायरस का साया दिखाई दे रहा है। श्री माता वैष्णोदेवी की यात्रा के लिए नवरात्र के पहले दिन 14000 सेअधिक श्रद्धालु जम्मू कश्मीर के कटरा पहुंचे जिनमें से 92 यात्रियों के कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने की खबरेंसामने आई हैं। नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट या फिर मौके पर हीकोरोनावायरस जांच कराए बिना किसी भी श्रद्धालुओं कोयात्रा में नहीं शामिल किया जा रहा है।
पहले दिन 14000 से अधिक श्रद्धालु पहुंचे कटरा
यात्रा से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि कोरोनावायरस के मामले में तेजी से वृद्धि के बीच 14281 यात्री वैष्णो देवी की यात्रा में शामिल होने कटरा पहुंचे। उन्होंने बताया कि नवरात्र के पहले दिन 48 श्रद्धालु कोरोनावायरस से संक्रमित पाये गए। इस बीच, रियासी जिला प्रशासन और माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने कोरोनावायरस से संबंधित दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है।
श्राइन बोर्ड ने तय की सीमा
श्राइन बोर्ड ने पहले ही हर एक दिन 25000 श्रद्धालुओं से अधिकतम सीमा तय कर दी है। गौरतलब है कि पिछले साल ,16 मार्च को महामारी के प्रकोप के बाद यात्रा को स्थगित कर दिया गया था और 5 महीने के बाद यह 16 अगस्त को फिर से शुरू हुआ ,लेकिन एक निर्धारित तरीके से। याद हो महाकुंभ में शामिल 100 तीर्थयात्रियों और 20 संतो में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी