लेफ्टिनेंट गवर्नर गिरीश चंद्र मुर्मू ने सोमवार को प्राचीन बाहु फोर्ट मंदिर से महामाया मंदिर तक रोपवे सेवा का उद्घाटन किया। आपकी जानकारी के लिए बता दे की यह रोपवे निर्माण की योजना पहले 1995 में बनाई गई थी , जिसमे लगभग 75 करोड़ रुपये इस परियोजना को बनने में लगने वाले थे जिसे बाहु किले से मुबारक मंडी परिसर में संचालित किया जाना था। मुबारक मंडी और बहू किले को संरक्षित स्मारक घोषित किए जाने पर परियोजना को संशोधित और स्थानांतरित कर दिया गया था। पर्यटन विभाग के अनुसार, सभी प्रमुख सुविधाओं में रेस्तरां, वॉकवे, लॉन और पार्किंग शामिल हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, रोपवे जम्मू में तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा देगा क्योंकि यह तीन मंदिरों को जोड़ता है – जामवंत गुफ़ा पीरखो, महामाया मंदिर और बाहु फोर्ट मंदिर। इस परियोजना का निष्पादन व कार्यभार J & K केबल कार कॉर्पोरेशन (JKCCC) द्वारा लिया गया है जिसने द्वारा जून 2015 में इस पर काम शुरू किया था। परियोजना की आधारशिला पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फरवरी 2014 के महीने में रखी थी। जम्मू और कश्मीर में केबल कार परियोजना पहली बार 1988 में गुलमर्ग, कश्मीर में कमीशन किया गया था।
1.57 किलोमीटर लंबी केबल कार परियोजना में दो खंड हैं – पीर खो से महामाया पार्क तक की (पार्ट -1), जिसकी लंबाई 1,184 मीटर और बाहु फोर्ट से महामाया पार्क तक की (पार्ट -2) की लंबाई 484 मीटर है। बाहु से महामाया पार्क तक कोई टावर नहीं है जबकि पीर खो से महामाया पार्क के बीच सात टावर हैं। पिछले साल 20 जनवरी को, निर्माणाधीन जम्मू रोपवे परियोजना की केबल कार के बचाव ट्रॉली के दुर्घटनाग्रस्त होने से दो श्रमिकों की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे।