श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा कोरोना महामारी के चलते 18 मार्च से स्थगित थी जो आखिरकार 6 महीने बाद कही जाकर 16 अगस्त जो भक्तो के लिए शुरू हो सकी जिसमे भक्तो को अनेखो नियम व निर्देशों का पालना करना होता है जिसमे सबसे जरुरी कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट साथ ही मास्क लगाना अनिवार्य है|
वही हाली में ही एक मामले ने सबको बोचक्का कर दिया दरअसल श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा करने गुरुग्राम से आया एक परिवार अपनी कोरोना जांच नजदीकी कोरोना जांच केर्द्र से करवाकर श्री माता वैष्णो देवी यात्रा के लिए निकल पड़ा यहाँ पर हैरानी की बात यह थी के पुरे ही परिवार ने टेस्ट करवाने के बाद रिपोर्ट आने तक का इंतज़ार नहीं किया और सीधा जम्मू कश्मीर राज्य के लिए निकल पड़े वही जब जाँच के अगले दिन परिवार के मुखिया के पास कोरोना जांच केंद्र से फ़ोन आया तो उनसे पूछा गया के आप और आपका पूरा परिवार कहा है जिस पर जवाब देते हुए परिवार के मुखिया ने कहा के हमारा परिवार जम्मू कश्मीर में श्री माता वैष्णो देवी यात्रा के लिए आया है और जम्मू में कोरेन्टीन हुआ है
वही कोरोना जांच केंद्र से फ़ोन पर परिवार के मुखिया को सुचना देते हुए बताय है के आपके परिवार के सभी सदस्य कोरोना पॉजिटिव है तो इस पर परिवार के मुखिया ने कहा के हमारा परिवार पहले से ही जम्मू में कोरेन्टीन किया गया है वही अधिकारी ने जब सख्ती से जम्मू में कोरेन्टीन सेंटर का नाम परिवार के मुखिया से पूछा तो उन्होंने कोरेन्टीन सेंटर का नाम बताने से इंकार कर दिया
इसी बात पर हरयाणा में स्थित कोरोना जांच केंद्र ने हरयाणा पुलिस को सूचित किया गया और कोरोना संक्रमण में लापरवाही के आरोप में पुरे परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया फिर इसके बाद हरयाणा पुलिस ने जम्मू कश्मीर पुलिस को सुचना प्रदान करवाई साथ ही परिवार को कोरेन्टीन सेंटर में भेजने का आदेश दिया जिस पर जम्मू कश्मीर पुलिस व प्रशाशन से सख्त करवाई करते हुए पुरे परिवार पर कोरोना संक्रमण में लापरवाही के आरोप में पुरे परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया|