कोरोनो वायरस महामारी के कारण 18 मार्च को निलंबित किए जाने के बाद श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा अब एक बार फिरसे सभी भक्तो के लिए १६ अगस्त से शुरू हो गई है| हालांकि, कोविड -19 बीमारी को रोकने के लिए सुरक्षा दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए, हर दिन धर्मस्थल पर जाने की अनुमति सिर्फ 2000 यात्रिओं को ही होगी जिसमे में सिर्फ 100 यात्री अन्य राज्यों से आ कर माता रानी के दर्शन कर सकते है वही 1900 यात्री सिर्फ जम्मू कश्मीर से आ सकते है वही दूसरे राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों को ऑनलाइन पंजीकरण के बाद ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
अन्य राज्यों से कैसे आ सकते है दर्शन करने ?
भक्तो को अन्य राज्यों से अगर दर्शन करने आना है तो यात्रिओं को पहले ऑनलाइन यात्रा पर्ची के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य होगा जिसमे भक्त अपनी इच्छा अनुसार यात्रा की तिथि चुन कर यात्रा पंजीकरण कर सकते है|
भक्तो को आना होगा दिल्ली से जम्मू , दरअसल कटरा रेलवे स्टेशन श्री माता वैष्णो देवी यात्रा पर आने वाले भक्तो के लिए सबसे नज़दीकी भारतीय रेलवे का स्टेशन है जो अब कोरोना महामारी के चलते बंद भी है यही कारण है की भक्त अब सीधा कटरा रेलवे स्टेशन नहीं आ सकते है पहले भक्तो को जम्मू तवी रेलवे स्टेशन आना होगा जहा पर सिर्फ एक ही ट्रैन दिल्ली से आ रही है जिसका नाम है राजधानी कोविड एक्सप्रेस जो दिल्ली से रात्रि 09:10 भजे चल कर जम्मू सुबह 05:45 पहुंच जाती है
कोरोना टेस्ट कैसे और कब करवाना होगा ?
सभी भक्तो को कोरोना टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा जो जम्मू कश्मीर के अलावा किसी भी अन्य राज्य से जम्मू एवं कटरा श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन करने आ रहे है|
सभी भक्त कोरोना का रैपिड टेस्ट अपने राज्य से भी करवाकर आ सकते है पर टेस्ट 48 घंटो से ज्यादा पुराना नहीं होना चहिए अन्यथा दुबारा कोरोना टेस्ट करवाना भी अनिवार्य होगा|
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार ने कहा, “सरकार एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और तीर्थयात्रियों से अपनी सुरक्षा और दूसरों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देशों का पालन करने का अनुरोध करती है।” उन्होंने कहा कि कोविंड-19 से ज़ादा प्रभावित क्षेत्रों से उन लोगों को तीर्थयात्रा के लिए अनुमति दी जाएगी, जब वे नकारात्मक कोरोना परीक्षण रिपोर्ट प्रदान करेंगे।
यात्रा के लिए आगे बढ़ने से पहले तीर्थयात्रियों को फेस मास्क पहनना और उनके मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा। सीईओ ने कहा कि यात्रा एकतरफा तरीके से आगे बढ़ेगी। शनिवार को उन्होंने कहा, “कटरा से भवन के लिए पारंपरिक मार्ग बाणगंगा, अधुक्वारी और सांझीछत तक जाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा और हिमकोटी मार्ग-तारकोटे मार्ग का उपयोग भवन से वापस आने के लिए किया जाएगा।”